दरातियों की बैठक
दरातियों की बैठक फसल काट कर अभी फुर्सत मिली है दरातियों को... रहीं हैं देख कटी फ़सलों को जाते हुए मंडियों में रहीं हैं जान किरसानों की उम्मीदों को टूटते हुए.... समझ रहीं हैं फर्क किरसान और किसान के बीच का जमीन ज़मीदार की माँ है या खेत जोतने वाले मजदूर किरसान की ये भी महसूस रहीं हैं कर... बैठक में इस नव उपनिवेशवाद, नव उदारवाद की जड़े उखाड़ फेंकने के लिए चर्चा गहरी हो चली है... ~गुलशन उधम।