हरिशंकर परसाई जयंती विशेष
कोई पूछो परसाई जी से कि अवारा भीड़ के खतरे कब खत्म होंगे? 25 आगस्त (गुलशन उधम): 23 आगस्त को हिंदी जगत के प्रख्यात पत्रकार, लेखक व व्यंगकार हरिशंकर परसाई की 94वें जंयती मनाई गई। लेकिन जंयती मनाने के कार्यक्रम काफी सीमित ही रहे। हिंदी अखबार, वेबपोर्टल व कुछ सोशयो पोस्ट पर ही उनकी जयंती से जुड़ी जानकारी मिल पाई। जाने-माने पत्रकार व व्यंगकार होने के बाद भी देश का बड़ा हिस्सा उनसे पूरी तरह परिचित नही है। इसके लिए उनके एक लेख में लिखी लाईन याद आती है कि ’सच को भी प्रचार चाहिए होता है।’ जिसकी सच में जरूरत महसूस होती है। आप ने "प्रेमचंद के फटे जूते" कहानी स्कूल में या कहीं और पढ़ी ही होगी। अगर याद आया तो उसके लेखक का नाम भी याद करे। जी हां, ये कहानी हरिशंकर प्रसाई द्वारा लिखी गई है। मैं भी उनके बारे में ज्यादा पढ़ नही पाया हूं। लेकिन उनकी लेखनी को जितना भी पढ़ा है। वे उन्हें और अधिक पढऩे को उत्सुक करती है। उनके लिखे लेख, व्यंग आज भी समाज में स्टीक बैठते है। "हरिशंकर परसाई"नाम से फेसबुक पर एक पेज भी चलाया जा रहा है। जिस पर अक्सर उनके व्यंग पोस्ट किए जाते है। जो क...