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Showing posts from November, 2018

Hwabaazi

हवावाजी। व्यंग Gulshan Udham और कुछ आता जाता हो या न हो पर चिंटू हमारा न, चिल्ला बहुत अच्छे से लेता है। अब परसो की ही बात लो। शाम ढलने को थी तो इतने में, चिंटू अपने दोस्तों के साथ घास पर बैठ ...

Film to watch

Following is the list world films one must watch: 100. Landscape in the Mist (Theo Angelopoulos, 1988) 99. Ashes and Diamonds (Andrzej Wajda, 1958) 98. In the Heat of the Sun (Jiang Wen, 1994) 97. Taste of Cherry (Abbas Kiarostami, 1997) 96. Shoah (Claude Lanzmann, 1985) 95. Floating Clouds (Mikio Naruse, 1955) 94. Where Is the Friend's Home? (Abbas Kiarostami, 1987) 93. Raise the Red Lantern (Zhang Yimou, 1991) 92. Scenes from a Marriage (Ingmar Bergman, 1973) 91. Rififi (Jules Dassin, 1955) 90. Hiroshima Mon Amour (Alain Resnais, 1959) 89. Wild Strawberries (Ingmar Bergman, 1957) 88. The Story of the Last Chrysanthemum (Kenji Mizoguchi, 1939) 87. The Nights of Cabiria (Federico Fellini, 1957) 86. La Jetée (Chris Marker, 1962) 85. Umberto D (Vittorio de Sica, 1952) 84. The Discreet Charm of the Bourgeoisie (Luis Buñuel, 1972) 83. La Strada (Federico Fellini, 1954) 82. Amélie (Jean-Pierre Jeunet, 2001) 81. Celine and Julie go Boating (Jacques Rivette, ...

Poem: Pdhna Koi Asaan kaam nahi hota

Padhna koi Asan Kaam Nahi Hota Mera Matlab hai, Actual me padhane se. Suni- Sunayi baato ko ratt Lene me koi smsya nahi hai, Photocopy kiye notes ko Dakaar jana koi bdi baat nahi, Academic me top krne Me thodi mehnat lgti hai Pr utni mushkil nahi hoti, Lekin padhna koi Asan Kaam nahi hai Mera matlab hai actual me Padhane se.. Jab actual me pedhna shuru kiya jata hai, To bahut si chijo ko saaf Naa kehna Pdta hai, Bahut si ghtnaayo ko Najarandaj krna pdta hai, Dosto ki gpshp ko naa kehna pdta hai, Plan huyi trip ko cancel krna pdta hai, Khud ko sbse door kr, Kitaabo ke pas le jana hota hai, Isliye me keh rha hu, Dost, Padhna koi Asaan kaam Nahi hota.. Pdhn e k liye shaant chit ka hona jruri hai, Laajmi hai jigyasu chit ka hona, Pdhn e k liye, Smaaj se sarokar (judaav) hona jruri hai, Ek snjindgi bhre sapne hona jruri hai, Jameer ka jinda hona jruri hai, Padhne k liye, Isliye mere dost Padhna koi asan Kaam nahi hota.. Actual me padhna to Shiddat ka kaa...

कहानी: Mitti k diye, mitti k khyab

कहानी  दीवाली  पर विशेष मिट्टी के दीये, मिट्टी के ख्याब। गुलशन उधम । करीब तीसरी बार फ़ोन की घण्टी बजती है। सोच में डूबा ध्रुव अपनी चेयर से उठ कर फ़ोन रिसीव करता है। ओ परा, फ़ोन ते चक लिया कर। फ़ोन से आवाज़ आती है। फोन साइलेंट था, भाई। कहो कैसे याद किया।, ध्रुव ने कहा। दीवाली है 2 दिन बाद और बहुत काम है करने को। आ सकते हो?,अभी। फ़ोन कर रहे व्यक्ति ने ध्रुव से पूछा। थोड़ा सोचने पर ध्रुव ने कहा कि हाँ, आ जाता हूं। ध्रुव जल्दी से तैयार हुआ, और काम के लिए निकल पड़ा। घर से निकलते हुए कई ख्याल उसके मन मे आ रहे थे। उसकी जेब मे सिर्फ 10 रुपये का एक नोट बचा था। और 2 दिन बाद दीवाली का त्यौहार था। एकाएक मिले काम ने उसकी उम्मीद जगा दी थी। कि इस दीवाली को वे अच्छे से मना सकेगा। इतने में माँ ने आवाज़ दी, कि आते समय कुछ दीये  और रसोई के लिए बल्ब लेते आना। मेहनतकश  के लिए तो त्यौहार भी मुसीबत की तरह ही होते है। सही है माँ, धन्नासेठों की तो हर रोज दीवाली होती है और जो दिन रात मेहनत करता है उसकी तो दीवाली भी आम दिन की तरह ही होता है। पर तु चिंता क्यों करती है माँ, तू बता दे...