Hwabaazi
हवावाजी।
व्यंग
Gulshan Udham
और कुछ आता जाता हो या न हो पर चिंटू हमारा न, चिल्ला बहुत अच्छे से लेता है।
अब परसो की ही बात लो।
शाम ढलने को थी तो इतने में, चिंटू अपने दोस्तों के साथ घास पर बैठ हुआ था, एक पार्क में।
तभी बातचीत करते हुए, चिंटू के हाथ मे एक मोटी रस्सी आ जाती है।
रस्सी का आना ही था कि चिंटू ने जोर-जोर से चिलाना शुरू कर दिया।
सांप सांप, बचाओ, ! खा गया
सांप ,सांप, काट डाला, मार डाला।
ये सुन कर उसके दोस्तों के होश उड़ गए कोई इधर भागे, कोई उधर भागे।
इतने में एक दोस्त के हाथ लाठी आई। और उसने दे धनाधन ज़मीन पर लाठी पटकना शुरू कर दिया।
इसमें दो चार लाठी चिंटू पर भी पड़ी।
और फिर चिंटू का चिलाना बन्द हुआ।
दोस्तो ने सोचा कि एक लाठी चिंटू को लगी तो क्या।
सांप तो मारा गया।
सब इस पर खुश हो गए।
शाम करीब करीब ढल चुकी थी।
पर वो लोग अब भी रस्सी को सांप ह8 समझ रहे थे।
इतने में चिंटू के दोस्त
नटवर को ध्यान आया कि उसके इश्मार्ट फ़ोनके टोर्च भी है। और भी टोर्च जग कर देखा तो पता लगा, सांप नही रस्सी थी।
और सब खिलखिलाते हुए, कहने लगे,
अरे धत,
ऐ तो रस्सी थी, हमने तो अंधेरे में इसे सांप समझ लिया और वेबजह चिंटू की पिटाई होगी।
😋😋
Moral: पूरी जांच-परख के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे। media या किसी और की हवावाज़ी पर यक़ीन न करे ।
Didactic write up
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