और कितने एकलव्य और कितने एकलव्यों की मांग करते हो तुम?, द्रोण। हमारे रगों में बहता लहू तुमसे ये सवाल करता है। हमारे नाम के आगे लगने वाला शब्द "डॉक्टर " तुम्हें क्यों अखरता है? ...
दरातियो की बैठक । फसल को काट कर अभी फुर्सत मिली है दरातियो को। रही है देख कटी फ़सलो को जाते हुए मंडियों में , रही है जान किरसानो कि उम्मीदों को टूटते हुए। समझ रही है फर्क किरस...