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Shaheed Bhagat Singh ek soch

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शहीद भगत सिंह- एक सोच बराबरी की। April 2, 2017 गुलशन उधम।   हम शहीद  भगत सिंह को सिर्फ निडर, जोशिला, हिंसक योद्धे के रूप में स्थापित करते है जब्कि भगत सिंह बहुत सुखम, संवेदनशील मन , कोमलभावों से भरपूर इंकलाबी विचारों वाले व्यक्ति रहे है। इतना ही नही भगतसिंह तो एक लेखक, पत्रकार, विचारक, चिंतक, क्र ांतिकारी रहे है। शहीद-ऐ-आजम की सोच थी कि अजादी के बाद भारत एक ऐसा देश बने जिसमें मनुष्य द्वारा मनुष्य की लूट संभव न हो सके। और सिर्फ भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में एक देश द्वारा दूसरे का शोषण न किया जा सके। उस बराबरी वाले समाज में सभी मनुष्य के लिए समान अधिकार हो और शोषण व गैरबराबरी करना संभव न हो सके। भगत सिंह के बारे में आम तथ्य जो हर किसी के मन में शहीद-ए-आजम के प्रति उच्च स्थान स्थापित करता है वह है उसका जवां उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चड़ जाना। भगत सिंह का नायिकत्व सभी को अच्छा लगता है, पर कोई यह नही चाहता कि भगत सिंह जैसा बना जाए या अपने बच्चों को उस जैसे बनने की प्ररेणा दी जाए। ऐसा क्यो? दूसरी ओर भगत सिंह मौत का नही जिंदगी का नायक था। वह जिंदगी के ...
प्रैंक कॉल से बचके... *हैलों, मुबारक हो, आपने लक्की ड्रा में टाटा सफारी जीती है ! मैं आपको अकाउंट नंबर भेज रहा हूं, कृप्या इसमें 8500 रूपये जमा करवा दिजिए ! इस तरह के फोनकाल से रहे सावधान* हैलों, मैं होमशाप से बोल रहा हूं। आपका नाम राजेश है। जी हां, कहीए। आप कठुआ में रहते है। आपके पिता जी का नाम रमेशचंद्र है। जी हां। आपक ा घर नंबर 214 है। हां, पर क्यों पूंछ रहे है ये सब। तभी फोन करने वाला व्यक्ति कहता है। मुबारक हो, आपने लक्की ड्रा में टाटा सफारी जीती है। पहला, वो कैसे, कब, कौन है आप? आपने पिछले महीनें हमारी कंपनी से सामान मंगवाया था। जीं हां। आपका आर्डर नंबर ये था। वे आर्डर नंबर पढ़ कर बताता है। जीं हां। तो कंपनी की योजना के तहत हमने लक्की ड्रा निकाले है। जिसमें आपके लक्की ड्रा में आपने टाटा सफारी जीती है। मै आपको एकाउंट नंबर भेज रहा हूं। इसे पाने के लिए आपको बस इसमें 8500 रूपये जमा करवाने है। उपर लिखी बातें राजेश कुमार के साथ घटित हुई है। उन्होंने बताया कि इतना ही नही इसके बाद गाड़ी जीतवाने का दावा करने वाले व्यक्ति ने एक फोन से मैसेज कर अभिषेक झा के नाम से एसबीआई खा...
कठुआ की  रजनी ने दिखाया कि सरकारी स्कूलों में भी पा सकते हैं सफलता March 15, 2017 जम्मू राज्य के कठुआ जिले में 10 मार्च को डाईट बसोहली द्वारा आठवीं कक्षा का परिणाम घोषित किया जा चुका है। जिसमें पहली दस पोजीशन पर निजि स्कूलों के विद्यार्थियों ने कब्जा जमाया हुआ है और इनमें छात्राओं का दबदबा कायम है। वहीं पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सिर्फ एक पोजीशन राजकीय (सरकारी) स्कूल के हिस्से आई है। राजकीय हाई स्कूल चड़वाल की छात्रा रजनी कुमारी ने नौवीं पोजीशन पर अपना नाम दर्ज करवाया है। इस खुशी का आलम पूरे चड़वाल में देखने का मिला। परीक्षा का परिणाम को देख कर कुछ सवाल भी ज़हन में आते है कि आखिर इतना बेहतर स्टाफ और इतने ज़्यादा साधन व सुविधाएं होने के बाद भी आखिर क्यों राजकीय स्कूल के विद्यार्थी पीछे रह रहे हैं? वहीं बात अगर कुल परीक्षा परिणाम की करें तो निजि स्कूलों का कुल परिणाम 99.34 प्रतिशत जबकि राजकीय स्कूलों का कुल परिणाम 87.42 प्रतिशत रहा। लेकिन मेरिटोरियस लिस्ट में जगह बनाने में राजकीय स्कूल इस बार भी नाकाबिल साबित हुए हैं। इसके पीछे क्या कारण रहे हैं, यह तो ये शिक्षा विभा...
तिथि- 20/3/2017 11ः36 ए.एम मेरा दोस्त प्रयास ... . हर रोज बेहतर कल की उम्मीद लिये प्रयासरत  है मेरा दोस्त ’प्रयास’। प्रयास बहुत शांत  स्वाभाव का है मैंने कभी उसे उंची आवाज में बात करते हुए नही सुना। उसे जब भी मुलाकात हुई वे किसी न किसी काम में व्यस्थ दिखा।  12वीं पास करने के बाद, एक साल का डिपलोमा कर वे अब क्लीनिक में नौकरी कर रहा है। दो साल पहले ही मेरी और उसकी दोस्ती हुई है। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी हुई तो मुझे पता चला कि वो पंजाब का रहना वाला है और जहां (कठुआ में) अपनी दो बहनों और मां के साथ किराये के मकान में रहता है। पिता के बारे में पूछने पर उसने बताया कि मम्मी और पापा लगभग 20 साल पहले से ही अलग हो गए है। उसने बताया कि उसके पिता कुछ काम तो करते नही है। बहुत ज्यादा शराब पीते है और मम्मी के साथ अक्सर मार-पीट करते थे जिस कारण मेरी मम्मी ने उन्हें छोड़ अकेले ही हमारी देखरेख करने का जिम्मा अपने कंधो पर लिया और वे गर्व से कहता है कि मां ने इस जिम्मेवारी को बखूवी निभाया है। उसने बताया कि पास में ही उसके मामाजी का मकान है जो शुरू  में तो हमारा हाल-चाल पूछने ...