Manna alag baat hai aur janna alag

मानना अलग बात है और जानना अलग।

मान लेना बहुत आसान होता है।
उन्होंने कहा और हमने मान लिया।
तुमने भी कहा कुछ संदेह हुआ,
लेकिन हमने मान लिया,
सूनी सुनाई बातों को मानना
कोई मुशकिल नही होता।
बहुत ही सरल है।
लेकिन मानना अलग बात है और जानना अलग
जानने के लिए तुम्हें तर्क  करना पड़ेगा,
तुम्हें वस्तुगत होना होगा।
जानने के लिए तुम्हें सबूत चाहिए
और जो एक बार तुम जान गए तो
फिर तुम्हें भ्रम नही रहेगा।
                                          --गुलशन कुमार उधम

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