Tasvir
तस्वीर ।
यही वो तस्वीर है,
जो हमें सबसे अधिक झकझोर ट करती है।
तुम्हारे गरुर की कीमत सीमांत ग्रामीण और वीर जवान क्यों चुकाएं।
तुम जो बन्द कमरों में बैठ कर,
स्मार्ट फोन से मौसम का हाल जानें रहे हो।
तुम्हें ना तो मौसम के सर्द होने का एहसास है और ना ही उसके गरम होने का।
तुम्हे नहीं पता है की बारिश का मौसम सिर्फ रोमांटिक ही नहीं होता।
कच्चे घरों में रहने वालों के लिए घोर चिंता का कारण भी होता है ।
वो कच्चे रास्तों से गुजरने वालों के लिए परेशानी का सबब भी होता है।
इसलिए हम लिख रहे है
युद्ध- उन्माद नहीं।
समस्या का हल चाहिए।
आंतकवाद नहीं।
शिक्षा, रोजगार, स्वस्थ्य सुविधा चाहिए।
इसलिए सरकार चुनी गई है।
कि वो देश और समाज में अमन बहाल करे।
ये सरकार की नैतिक व संवैधानिक जिम्मेदारी है।
जो हमें सबसे अधिक झकझोर ट करती है।
तुम्हारे गरुर की कीमत सीमांत ग्रामीण और वीर जवान क्यों चुकाएं।
तुम जो बन्द कमरों में बैठ कर,
स्मार्ट फोन से मौसम का हाल जानें रहे हो।
तुम्हें ना तो मौसम के सर्द होने का एहसास है और ना ही उसके गरम होने का।
तुम्हे नहीं पता है की बारिश का मौसम सिर्फ रोमांटिक ही नहीं होता।
कच्चे घरों में रहने वालों के लिए घोर चिंता का कारण भी होता है ।
वो कच्चे रास्तों से गुजरने वालों के लिए परेशानी का सबब भी होता है।
इसलिए हम लिख रहे है
युद्ध- उन्माद नहीं।
समस्या का हल चाहिए।
आंतकवाद नहीं।
शिक्षा, रोजगार, स्वस्थ्य सुविधा चाहिए।
इसलिए सरकार चुनी गई है।
कि वो देश और समाज में अमन बहाल करे।
ये सरकार की नैतिक व संवैधानिक जिम्मेदारी है।
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