Bhitr ki ladaayi
भीतर की लड़ाई
समय के साथ आप प्रगतिशील और बराबरी के समाज को बनाने की बात करने लगे होंगे,
इसके लिए सड़क पर भी उतरते होंगे,
लेकिन
जिस social background से आप आते हैं,
सामंती/जातिय/पितृ प्रधान से
उसके अंश आप में रहते हैं
और देर सवेर बाहर भी आते हैं,
ईमानदारी से इनसे टकराते रहे,
ये आपके भीतर की लड़ाई है
जो आपको ही लड़नी है...
#Mind_it
-Gulshan Udham
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