Humare Paas
हमारे पास...
हमारे पास सपने थे,
जिनको पूरा करने की तलाश में निकल पड़े घर से दूर
बहुत दूर...
उन सपनों में ऊर्जा थी,
तेज़ था..
जो हमे गति देता था
आगे बढ़ने को प्रेरित करता था...
हम चले जा रहे थे
दुर्गम रास्तों से
सपनों की चाह में...
-gulshan udham
हमारे पास उम्मीदें थी
जिनसे बंधी थी कई डोरियां
जिनकों लेकर निकल पड़े थे हम
घर से दूर
बहुत दूर...
उन उम्मीदों में सामंजस्य था
आवेग था
जो हमें सुदृढ़ करती थी
आगे बढ़ने को दिशा देती थी
हम चले जा रहे थे
दूरस्थ रास्तों पर
उम्मीदें लिए हुए...
-gulshan udham
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