Mei Chahta Tha
मैं चाहता था
कि एक मुलाकात हो हमारी
और
जिसमें मैं वो सब कह दूं तुम्हें,
जो अब तक ना कह सका था
मैं चाहता कि उस मुलाकत में
वो सब सुनूं
जो तुम कहना चाहती थी मुझसे।
बीच बचाव, भागम भाग
में बहुत कुछ अधूरा ही रह गया था।
कई साधन है हमारे बीच
लेकिन मुलाकात फिर भी अधूरी रही थी आखिरी...
इस बात को करीब 2 जाड़ो ने ढक लिया है
लेकिन देखो अब भी तुम्हारी याद
युहीं सजा कर रखी है मैंने...
-गुलशन उधम
poem
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