खुला खत, रणजीत बाबा और लवली नूर को
जो विद्रोहिणी फूलन देवी को नहीं जानते, के नाम
*वो गरीबी की बात करता है। फिर चालाकी से
गरीब जनों के नायकों की हत्या के बाद
फिर एक बार ह्त्या कर देता है।*
गीत 'किने आए किने गए-2' को रंजीत बाबा ने गाया है और लवली नूर ने लिखा है। गीत में समाज को दिशा देने की बात की है और चालाकी के साथ भटकाव पर ला दिया है। गाने में सामंती शेर सिंह राणा की बहादुरी का महिमामंडण किया गया है। तो हम रंजीत बाबा और लवली नूर से पूछना चाहेंगे कि उनकी महिमा क्या थी? ये जनता को बताएं। यही कि उन्होंने विद्रोहणी फूलन देवी को कायरों की तरह गोली मारी।
*विद्रोहिणी, वीरांगना फूलन देवी*
क्या आपको फूलन देवी कोई आम महिला नजर आती है। फूलन वो विद्रोहिणी महिला हैं, जो गरीबी में पली-बड़ी। बिन जानें-समझे ब्याह दी गई। अत्याचार सहे, लेकिन वह चुप नहीं रहीं।
*पितृसत्ता, जातिवाद और समांतवाद तीनों से टकराईं जो*
अत्याचारों के लिए जब इंसाफ नहीं मिला तो खुद उन अत्याचारियों की हत्या कर दी। 22 सामंतियों को मौत के घाट के उतार दिया।
इस पर फूलन देवी कहती हैं, ' इसे वो लोग एक क्राइम कहते हैं, मैं इसे इंसाफ कहती हूं।'
वे समाज में फैली पितृसत्ता, जातिवाद और समांतवाद से अपने दम पर लोहा लेती हैं और हराती भी हैं। वे विद्रोहिणी, वीरांगना कहलाती हैं।
गुरु गोबिंद सिंह ने भी लिखा है , 'जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।' और फूलन देवी इस वचन को पूरा करती नजर आती हैं।
हां, ये एक दूसरा सच है कि एक कायर उनकी हत्या कर देता है।
*एक रोशनी*
फूलन देवी दबे-कुचले मजलूम वर्ग के लिए रोशनी बनती हैं और उन्हें सीख देती जाती हैं कि जुल्म हुआ तो उसका बदला भी लिया गया है। वो शहीद उधम सिंह की तरह, जिन्होंने लंदन में जाकर अड्वायर को गोली मारी थी, एक योद्धा हैं। लेकिन अफसोस मर्द और जाती प्रधान समाज को तो अपने योद्धे सिर्फ उच्च जातीय वाले ही नजर आएंगे। ये वीरा तो उन्हें कभी वीर लगेगी ही नहीं।
*इतिहास में आप फरेबी हत्यारे लिखे जाएंगे*
आप अपने गाने में गरीबी और मोरेलटी की बात करते हैं। ये कोरा झूठ है।
हम आपके गाने को सिरे से खारिज करते हैं। आप एक गाने में 5 अच्छी बातों और 3 गलत बातें जोड़ कर लाए हैं।
*अभी भी सामन्त समय में जीते हैं?*
गाने के अंत मे कोर्ट मैरिज पर रोना रोया है। अभी भी सामन्त समय मे जीते हैं। कोर्ट मैरिज का मतलब है कि 2 जन अपने फैसले से शादी कर रहे हैं और ये अधिकार उन्हें संविधान देता है।
आपका गाना जनता विरोधी है। क्योंकि वे सामंत को अपना नायक समझता है और जनता के नायक को नकारता है। वो गरीबी की बात करता है, लेकिन चालाकी से गरीब जनों के नायकों की हत्या के बाद फिर एक बार ह्त्या कर देता है। आपको गरीबों के इतिहास की हत्या कर रहे हैं, लेकिन इतिहास आपका भी लिखा जाएगा, जिसमें आप फरेबी हत्यारे लिखे जाएंगे।
*उम्मीद*
आपसे ये उम्मीद रखते हैं कि आप अपने किए में सुधार करेंगे और गाने से इन बोलों को हटाएंगे। आपने अपना पक्ष तो पहले ही चुन लिया है, जो जनविरोधी है।
*आह्वान*
हम ये आपके बोल लोक कवि संत राम उदासी, लाल सिंह दिल और अवतार सिंह पाश की आदलत में सुनाएंगे और फैसला जनता पर छोड़ते हैं और उनसे आह्वान करते है कि अपने नायक पहचानों।
आप ही हैं जो सड़क, बिजली, अनाज, हथियार, इमारतें, सुई से जहाज तक की चीजों का निर्माण करते हैं। अपने इतिहास और अपने नायकों पर मान करों। फरेबियों के गाने और फरेबी के नायकों का बहिष्कार करो।
*अंबेडकर-भगत सिंह दी सोच ते
पेहरा देयांगे ठोक के।।*
जय फूलन देवी
जय भीम
-(गुलशन उधम)
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